नई दिल्ली, नवम्बर 25 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के सख्त निर्देशों के बाद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने यमुना को दूषित कर रहीं 61 फैक्टरियों पर बड़ी कार्रवाई की है। इन फैक्टरियों पर एक से दस लाख रुपये तक का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया है। साथ ही कई इकाइयों के बिजली-पानी कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। काफी समय से नरेला, बवाना, मायापुरी और लॉरेंस रोड जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में चल रहीं ये फैक्टरियां बिना शोधन के ही अपना जहरीला रासायनिक कचरा सीधे नदी में बहा रही थीं। इसमें जींस को रंगने और धोने में उपयोग होने वाले खतरनाक रसायन शामिल होते हैं। यह दूषित पानी यमुना के प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत बन गया था। यह मामला शिकायतकर्ता वरुण गुलाटी की ओर से दायर याचिका के बाद सामने आया था। इसके बाद एनजी...