नई दिल्ली, अगस्त 19 -- दिल्ली की 12 बस्तियों में 500 से ज्यादा घरों पर किए गए एक सर्वे में पता चला है कि तीन में से एक व्यक्ति प्राइवेट वाटर सप्लायर्स पर निर्भर है। साथ ही लगभग इतने ही लोग दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के टैंकरों पर निर्भर हैं, जो हफ्ते में मुश्किल से एक या दो बार आते हैं। ग्रीनपीस इंडिया द्वारा सोमवार को जारी एक वाटर ऑडिट रिपोर्ट राजधानी की जल आपूर्ति में बड़ी असमानताओं को दर्शाती है। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, द रिपोर्ट - वाटर एक्सेस ऑडिट: गैप्स, कॉस्ट एंड बेयॉन्ड- बताती है कि 6000 से 10000 रुपये तक हर महीने कमाने वाले परिवार अपनी इनकम का 15% तक पानी पर खर्च कर देते हैं, जिससे अक्सर भोजन, स्वास्थ्य सेवा या शिक्षा पर खर्च कम हो जाता है।इलाज और शिक्षा पर भारी खाना-पानी ग्रीनपीस इंडिया की कैंपेनर वैशाली उपाध्याय ने कहा कि प...