नई दिल्ली, अक्टूबर 22 -- साकेत जिला अदालत ने 13 वर्ष पुराने चेक फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी रामदत्त शर्मा को धोखाधड़ी और जालसाजी के सभी आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत में पेश लिखावट के नमूनों की रिपोर्ट ने आरोपी की बेगुनाही को साबित कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अरिदमन सिंह चीमा की अदालत ने कहा कि केवल शक या अनुमान के आधार पर किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में विफल रहा है।वेतन चेक में हेराफेरी का आरोप मामला सितंबर 2012 का है। एचडीएफसी बैंक की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी कि रामदत्त शर्मा ने अपनी नियोक्ता कंपनी (जिसमें वह कार्यरत थे) फर्स्ट सेलेक्ट प्राइवेट लिमिटेड से मिले 6,326 के वेतन चेक में हेराफेरी कर 60,326 कर दिया। शिकायत के आधार पर लगभग छह महीने बाद मार्च 2013...