नई दिल्ली, दिसम्बर 3 -- भारत के बड़े शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण अब सीधे लोगों की सांसों पर भारी पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में बताया कि प्रदूषण और सांस की गंभीर बीमारियों (Acute Respiratory Illness - ARI) के बीच मजबूत संबंध दिख रहा है। अकेले दिल्ली में 2022 से 2024 के बीच 2 लाख से ज्यादा ARI के मामले दर्ज हुए, जिनमें हर साल हजारों मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।तीन साल में दिल्ली के अस्पतालों के चौंकाने वाले आंकड़े 2022: 67,054 इमरजेंसी मामले, 9,878 भर्ती 2023: 69,293 इमरजेंसी मामले 2024: 68,411 इमरजेंसी मामले, भर्ती बढ़कर 10,819 हुईं इन तीन सालों में हर साल औसतन 10 हजार से ज्यादा लोग गंभीर सांस की तकलीफ के कारण अस्पताल पहुंचे। प्रदूषण के सबसे खराब दिनों में चेन्नई और मुंबई के अस्पतालों में भी सांस की तकलीफ...