नई दिल्ली, जुलाई 3 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के मकान और प्रॉपर्टी मालिकों के पक्ष में एक जोरदार टिप्पणी की है। अदालत ने दिल्ली किराया नियंत्रण कानून को 'गुजरते समय के साथ अनुपयुक्त' करार दिया है। अदालत का कहना है कि इस कानून के घोर दुरुपयोग ने संपत्ति मालिकों को बेहद निराशाजनक हालातों में धकेलने का काम किया है क्योंकि मौजूदा वक्त में संपन्न किरायेदार दशकों से अनुचित तरीके से संपत्तियों पर कब्जा कर के बैठ रहे हैं। जस्टिस अनूप जयराम भंबानी अतिरिक्त किराया नियंत्रक (एआरसी) के 2013 के आदेशों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। इनमें सदर बाजार में एक संपत्ति के यूके और दुबई स्थित मालिकों की बेदखली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। साथ ही किरायेदारों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। कोर्ट ने कहा- किराया नियंत्रण रोस्टर का संचाल...