दिल्ली, मई 8 -- दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का जहर घोलने वाले पुराने वाहनों पर कार्रवाई बेहद सुस्त है। बीते दो वर्ष में अपनी समय अवधि पूरी कर चुके सिर्फ एक फीसदी वाहनों पर ही दिल्ली में कार्रवाई हुई,जबकि एनसीआर के जिले और भी पिछड़े हुए हैं। वहां पर आधा फीसदी भी पुराने वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। यह जानकारी केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट में सामने आई। अलग-अलग शोध बताते हैं कि वाहनों से निकलने वाले धुएं की दिल्ली के प्रदूषण में हिस्सेदारी 42 फीसदी या उससे ज्यादा हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक,आम वाहनों की तुलना में समय अवधि पूरा कर चुके वाहनों से ज्यादा प्रदूषण होता है। इसलिए पुराने वाहनों के संचालन पर रोकथाम की जाती है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023 और 2024 में दिल्ली में सिर्फ एक फीसदी पुराने वाहनों पर ही क...