आशीष सिंह। नई दिल्ली, अगस्त 4 -- राजधानी समेत एनसीआर के शहरों में प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री जारी है। यह मांझा इंसानों के साथ बेजुबानों की जिंदगी की डोर भी काट रहा है। इस वर्ष अलग-अलग स्थानों पर मांझे की चपेट में आने से कई लोगों की जान जा चुकी है। कुछ अब तक इसके जख्म से नहीं उबर पाए हैं। पक्षियों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। पक्षी चिकित्सालयों में पहुंचे आधे से अधिक परिंदे मांझे के कारण घायल हुए हैं। चांदनी चौक के दिगंबर जैन लाल मंदिर में स्थित पक्षियों के धर्मार्थ चिकित्सालय में मांझे की चपेट में आने वाले 20 से 30 परिंदों को रोजाना भर्ती कराया जा रहा है। इनमें से कई पक्षियों की अधिक खून बहने से मौत भी हो रही है। इनमें कबूतर, चील, तोता, कौवा शामिल हैं। घायल पक्षियों में कबूतरों की संख्या सबसे अधिक है। अलग-अलग इलाकों से लोग इन ...