नई दिल्ली, मई 5 -- दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने 2020 में हुए दंगे से जुड़े केस में 12 लोगों को हत्या और आपराधिक साजिश के आरोपों से बरी कर दिया है। इन पर 26 फरवरी 2020 को गोकलपुरी में मारे गए हासिम अली की हत्या में भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि टुकड़ों में मौजूद परिस्थितिजन्य सबूत यह साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं कि आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे। अदालत ने 'कट्टर हिंदू एकता' नामक वॉट्सऐप ग्रुप में हुई चैट को नकार दिया। 30 अप्रैल को 52 के दिए आदेश में जज ने कहा, 'मैंने पाया कि परिस्थितिजन्य सबूत के नाम पर टुकड़ों में कुछ साक्ष्य हैं, जो इन्हें दोषी भीड़ का हिस्सा साबित करने के लिए नाकाफी हैं।' कोर्ट ने लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, अंकित चौधरी, प्रिंस, जतिन शर्मा, हिमांशु ठाकुर, विवेक प...