नई दिल्ली, नवम्बर 3 -- सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली दंगे के एक आरोपी कार्यकर्ता शिफा-उर-रहमान ने यूएपीए मामले में जमानत का अनुरोध किया। रहमान ने सोमवार को अदालत में दलील दी कि उन्हें 'जानबूझकर चुना गया' और आतंकवाद रोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। रहमान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष दलील दी कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रसंघ प्रमुख की ओर से किसी भी गवाह ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि वह हिंसा में शामिल थे। सुनवाई शुरू होते ही सोमवार को उमर खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि दिल्ली दंगों से जुड़े 116 मामलों में से 97 में आरोपी बरी हो गए हैं और लगभग 17 मामलों में अदालत ने सबूतों के गढ़ने की ओर इशारा किया ह...