निखिल पाठक, अक्टूबर 9 -- दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में गुरुवार को पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद के अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोपी बनाया गया, जबकि इसी मामले में अन्य लोगों को छोड़ दिया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी की अदालत में आरोप तय करने से संबंधित दलीलों के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पैस ने उमर खालिद की ओर से यह तर्क दिए। पैस ने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पहले पूरक आरोपपत्र और खालिद के खिलाफ मौजूद सामग्री का हवाला दिया, जिसके आधार पर उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया। अधिवक्ता ने कहा कि खालिद को केवल इसलिए आरोपी बनाया गया क्योंकि वह चार व्हाट्सऐप ग्रुप के सदस्य थे। जबकि उन ग्रुप के किसी भी एडमिन पर आरोप नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्याय...