मैनपुरी, मार्च 18 -- दिहुली कांड हुआ तो यूपी और देश की सियासत में हड़कंप मच गया। दलितों की बस्ती में सवर्ण समुदाय के लोगों द्वारा नरसंहार किया गया तो तत्कालीन मुख्ममंत्री वीपी सिंह को इस्तीफा देना पड़ा। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी दिल्ली के सारे काम छोड़कर कांग्रेस नेताओं के साथ दिहुली पहुंच गई। स्व. पीएम इस गांव में प्रत्येक पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलीं और हरसंभव मदद का भरोसा देकर हत्याकांड के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया। ये बात अलग है कि इस हत्याकांड का फैसला आने में पूरे 44 साल का समय लग गया। दलित राजनीति इस हत्याकांड के दौरान जन्म ले रही थी। देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दलित नेताओं को आगे लाने का अभियान शुरू कर रखा था। यूपी के मुख्यमंत्री वीपी सिंह भी चाहते थे कि दलितों को उनके वाजिब अधिकार द...