नोएडा, अगस्त 14 -- लगभग 50 साल पहले बने नोएडा प्राधिकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा निर्देश दिया है। बुधवार को कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भंग कर एक मेट्रोपॉलिटन काउंसिल बनाने पर विचार करने को कहा, ताकि प्रशासन जनता के हित में और पारदर्शी हो सके। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की चौंकाने वाली रिपोर्ट के आधार पर आया है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण के कामकाज में कई खामियां उजागर हुई हैं।एसआईटी की रिपोर्ट में क्या? एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि नोएडा प्राधिकरण में फैसले कुछ गिने-चुने अधिकारियों के हाथों में केंद्रित हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि प्राधिकरण की जमीन आवंटन नीतियां बिल्डरों के पक्ष में हैं और पारदर्शिता और निष्पक्षता की भारी कमी है। इसके अलावा, 20 मामलों में प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा जमीन मालिकों...