नई दिल्ली, दिसम्बर 13 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर में साइबर अपराधियों ने इस साल नवंबर तक लोगों को लगभग 1,100 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया है। हालांकि समय पर सूचित करने वाले पीड़ितों की मदद से पुलिस ने करीब 20 फीसदी रकम को फ्रीज करवा दिया। पिछले साल यह प्रतिशत सिर्फ 10 था। विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर सूचना देने पर ही बैंक लेन-देन को रोककर ठगी की रकम सुरक्षित की जा सकती है, जबकि देरी होने पर साइबर जालसाज धन को डकार लेते हैं। साइबर मामलों की जांच से जुड़ी एजेंसियों के मुताबिक जब कोई पीड़ित अपराध की सूचना समय से देता है और लेन-देन का विवरण प्रदान कर धोखाधड़ी वाली धनराशि को फ्रीज करवा दिया जाता है, लेकिन देरी होने पर रकम निकल जाती है तो फ्रीज करवाने की प्रक्रिया का पालन नहीं हो पाता है। वहीं इस बात हुई साइबर ठगी की घटना...
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