आगरा, जुलाई 31 -- श्री श्वेताम्बर स्थानक वासी जैन ट्रस्ट की ओर से महावीर भवन जैन स्थानक में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचनों में जैन संतों ने करुणा, आत्मचिंतन और पीढ़ियों के संबंधों पर प्रेरणादायक संदेश दिए। जयमुनि ने 'महावीर की करुणा यात्रा' विषय पर कहा कि भगवान महावीर ने पारिवारिक रिश्तों में करुणा का भाव रखा। उन्होंने बहन को संसार का सबसे विश्वसनीय रिश्ता बताया, जो भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ा है। आदीश मुनिजी ने 'सुख पाने के सूत्र' श्रृंखला में आज का सूत्र कभी-कभी बड़ों के पास बैठना सीखें प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में पीढ़ियों के अंतर से बुजुर्ग अवसाद और अकेलेपन की ओर जा रहे हैं। विजय मुनिजी महाराज ने आत्मा की विजय को इंद्रियों और कषायों पर नियंत्रण से जोड़ते हुए कहा कि समीक्षण जीवन सुधार की औषधि है। उन्होंने भौतिक आसक्...