नई दिल्ली, जुलाई 22 -- आजकल ओवरथिंकिंग की समस्या बहुत आम हो गई है। तनावपूर्ण और गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच ये होना स्वाभाविक भी है। लेकिन हर छोटी-छोटी बात को घंटों बैठकर सोचना, मेंटल हेल्थ को पूरी तरह खराब कर देता है। कई लोगों की शिकायत रहती है कि उनका दिमाग सारा दिन चलता रहता है। थक हार कर बिस्तर पर जाते भी हैं, तब भी नींद जाने कहां भाग जाती है और उसकी जगह उल्टे-सीधे खयाल मन में आते रहते हैं। लोगों को कई बार ये पता भी होता है कि वो जिस बारे में इतना सोच रहे हैं, उसका कोई फायदा नहीं है लेकिन ओवरथिंकिंग की आदत आसानी से नहीं जाती। ऐसे में अपने दिमाग को कैसे शांत किया जाए, आइए प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताए गए तरीके को जानते हैं।अपने मन को कहीं और लगाएं प्रेमानंद जी महाराज से एक सत्संग में उनके शिष्य का यही सवाल था कि वो अपनी ओवरथिंकिंग को ...