रांची, फरवरी 2 -- दिनभर अफरा-तफरी, भाग-दौड़, हल्ला-हंगामा और रात होते ही सबकुछ शांत। मानो तूफान सबकुछ झकझोरने के बाद एक झटके में गुजर गया हो। झारखंड की राजनीति में ऐसे मौके बहुत कम आये हैं जब घड़ी-दर-घड़ी फैसले बदलते रहे हों। लेकिन गुरुवार को यही हुआ। पहले राजभवन जाना ओर सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं मिलने पर हैदराबाद की यात्रा की तैयारी में जुट जाना। हैदराबाद के लिए महागठबंधन में शामिल दलों के विधायक सदल-बल निकले भी और विमान में भी बैठ गये लेकिन कुदरत तो कुछ और ही फैसला ले चुकी थी। लिहाजा विमान ही नहीं उड़ा और महागठबंधन के सभी विधायकों को वापस सर्किट हाउस में लौट आना पड़ा।  सर्किट हाउस में आगे की रणनीति पर मंत्रणा चल ही रही थी कि राजभवन से बुलावा आ गया और तत्काल सबकुछ बदल गया। अचानक सूबे में सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया। राज्यपाल सीप...