मुजफ्फरपुर, अप्रैल 25 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध। जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनका भी अपराध। राष्ट्रकवि दिनकर की कविताएं राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक हैं। मधुबनी में पीएम ने जब राष्ट्रकवि दिनकर को याद किया तो उनके स्मरण में यह भी निहितार्थ है कि आज आतंकवाद ने जिस तरह पहलगाम में अपनी दरिंदगी दिखाई है, इसके विरोध में पूरे देश को एक होने और सबक सीखाने की अपील है। पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रकवि दिनकर को याद करने पर शहर के साहित्यकारों ने ये बातें कहीं। साहित्यकारों ने कहा कि दिनकर ओज और राष्ट्रबोध के कवि हैं, जिनकी कविताएं आज के समय में राजनीतिक और वर्तमान स्थिति दोनों में ही प्रासंगिक हैं। साहित्यकार डॉ. संजय पंकज कहते हैं कि दिनकर की कविता कहती है कि जो तटस्थ है, समय उनका भी अपराध लिखेगा। पीएम जब...
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