मुजफ्फर नगर, जून 21 -- आचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज अपने संघ सहित यहां पधारे मुजफ्फरनगर जैन समाज को प्रेम एकता का पावन संदेश तब प्राप्त हुआ जब द्वय आचार्य संघों का परस्पर वात्सल्य मिलन के पश्चात एक साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। 36 पिंछी धारी के इस महासंगम के द्वितीय दिवस प्रेमपुरी के जैन औषधालय प्रांगण में शुक्रवार को धर्म सभा आयोजित की गई। सर्वप्रथम आचार्य श्री भारत भूषण महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस धरा पर सबसे उत्तम और क्या हो सकता है कि दिगंबर जिन मुद्रा ही इस धरा पर उत्तम है। संत दिगंबर आचार्य श्री 108 विमर्श सागर महामुनि ने विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिगंबर मुद्रा तीनों लोको के जीवों के बीच मान्य है। यह धारा सर्वप्रथम दिगम्बरत्व से ही परिचित होती है। जब आपका जन्म होता है तब आप दिगंबर होते हैं। आयु के स...