गढ़वा, अक्टूबर 1 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। प्रभु श्रीराम को राज्याभिषेक की बजाय वन में भेजना देवताओं की इच्छा थी। देवताओं की प्रार्थना पर मां सरस्वती ने पहले मंथरा और फिर कैकई की मति फेरकर श्रीराम की जगह भरत का राज्याभिषेक व श्रीराम को वनवास भेजने के लिये राजा दशरथ को विवश किया था। कैकई और मंथरा तो श्रीराम वनवास के लिये मात्र माध्यम बनी थी। यह बात गायत्री परिवार के विनोद पाठक ने कही। वह गायत्री शक्तिपीठ कल्याणपुर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर आयोजित श्रीराम कथा के आठवें दिन सोमवार शाम प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीराम के राज्याभिषेक होने की जानकारी से जहां अयोध्या के सभी नगरवासी खुशी मना रहे थे, वहीं सभी देवता इस खबर से दुखी हो गये थे। तब उन्होंने मां सरस्वती से प्रार्थना कर किसी तरह से इस राज्याभिषेक को टालने और श्रीराम के वन भेजने का...