बांका, मई 7 -- रजौन(बांका)। निज संवाददाता अपने दामाद गोरेलाल यादव की मौत से आहत गोदों यादव अब अपनी जीवन संगिनी की मौत के बाद पूरी तरह टूट चुके है। दामाद की मौत के बाद उसके श्राद्धकर्म में शामिल होने आई तारा देवी अपनी पुत्री के यहां ही दुनिया छोड़कर चली गई। अपने पति के मौत के बाद पहाड़ सी जिंदगी को कोसती अबला जूही देवी को क्या पता था कि श्राद्धकर्म में शामिल हो कर उसे दिलासा देने पहुंची उसकी मां तारा देवी भी उसे रोते-बिलखते छोड़कर चली जाएगी। तारा देवी की मौत के बाद उसके पुत्र सहित परिजन उसे सीधे अपने घर झारखंड के गोड्डा जिला के बस्करा लेकर निकल गए। अबला जूही के लिए पति की मौत का गम क्या कम था, कि उसे कुदरत ने एक और हम दे दिया। पति के मौत के बाद माता-पिता सहित मायका के लोगों खासकर अपनी मां से जूही को काफी उम्मीदें थी, लेकिन मां तारा देवी भी...
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