नई दिल्ली, नवम्बर 15 -- 'आप की पूंजी, आप का अधिकार' स्लोगन से भारत सरकार की निष्क्रिय खातों के वारिसों को रकम लौटाने की मुहिम जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है। बैकों की ओर से छोटी धनराशि से लेकर लाखों रुपये लौटाए जा रहे हैं। शुक्रवार को आईआरडीटी सभागार में नथुवावाला देहरादून निवासी देवेंद्र कुमार को उनके दादा की मौत के 27 साल बाद 6 लाख रुपये दिए गए। रोचक बात यह है कि उन्हें इस बैंक खाते के बारे में जानकारी ही नहीं थी। देवेंद्र ने बताया कि दादा का निधन 1998 हो गया था। मौत से पहले उनका एसबीआई में खाता था, परिजनों को इसकी जानकारी नहीं थी। कुछ दिन पहले उनके घर पर बैंक कर्मचारी आए, उन्होंने वेरिफिकेशन के बाद संबंधित बैंक खाते का जिक्र किया। उनसे दादा की डेथ सर्टिफिकेट आदि मांगा और शुक्रवार को बैंक ने उन्हें छह लाख का चेक दे दिया। दे...