प्रयागराज, जून 15 -- बारा, हिन्दुस्तान संवाद 'जाको राखे साइयां मार सके न कोय की कहावत शनिवार रात सोनबरसा गांव में चरितार्थ हुई। आकाशीय बिजली से छोटेलाल बनवासी के पुत्र वीरेंद्र बनवासी समेत उसकी पत्नी और दो बेटियों की मौत हो गई। वहीं उसकी दो बेटियां 10 वर्षीय सोनकुमारी और आठ वर्षीय आंचल सुरक्षित बच गईं। ये दो बेटियां भी रोजाना अपने माता-पिता के साथ झोपड़ी में ही सोती थीं लेकिन, शनिवार रात दोनों बच्चियां अपने दादा-दादी के पास रुक गई थीं। इससे ये दोनों प्राकृतिक आपदा से बच गईं। वीरेंद्र बनवासी मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी पत्नी सहित मौत हो जाने से बची दोनों बेटियां अनाथ हो गई हैं। उन्हीं के साथ बुजुर्ग माता-पिता भी बेसहारा हो गए हैं। उनके बुढ़ापे का सहारा छिन गया। अब बुजुर्ग दादा-दादी के समक्ष दोनों मासूम बेटियों की परवरिश की ...