मथुरा, दिसम्बर 1 -- बलदेव। ब्रजराज ठाकुर दाऊजी महाराज का 445वां पाटोत्सव अगहन पूर्णिमा 4 दिसंबर को पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पाटोत्सव के अवसर पर लगने वाला प्रसिद्ध लक्खी मेला सोमवार से विधिवत रूप से शुरू हो गया, जो एक माह तक अनवरत चलेगा। परंपरा के अनुसार अगहन पूर्णिमा के दिन श्री दाऊजी महाराज को गद्दल (रजाई) ओढ़ाई जाती है। मान्यता है कि ब्रजराज स्वयं रजाई धारण कर भक्तों को सर्दी से बचाव का संदेश देते हैं, इसलिए इस तिथि को गद्दल पूर्णिमा भी कहा जाता है। मेले की शुरुआत मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा से होने की प्राचीन परंपरा है। संवत 1638 (ईस्वी 1582) में श्री दाऊजी व माता रेवतीजी के विग्रह का प्राकट्य हुआ था। इसके अगले वर्ष संवत 1639 में नए देवालय में विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई, तभी से यह पाटोत्सव मेला स्मृति स्वरूप आयोजित हो...