औरंगाबाद, जून 1 -- दाउदनगर, संवाद सूत्र। दाउदनगर महाविद्यालय के प्रेमचंद सभागार में शनिवार को आईक्यूएसी के तत्वावधान में हिन्दी एवं उर्दू विभाग द्वारा संयुक्त रूप से साझा संस्कृति और नज़ीर अकबराबादी की शायरी विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. डॉ. एम.एस. इस्लाम ने कहा कि नज़ीर अकबराबादी की रचनाओं में भारतीय सांस्कृतिक एकता और इंसानियत की भावना प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में अकबराबादी, प्रेमचंद और दिनकर जैसे साहित्यकारों की प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। मुख्य वक्ता डॉ. मो. हुजैफा ने अकबराबादी के जीवन और उनकी शायरी का विवेचन करते हुए बताया कि उन्होंने गंगा-जमुनी तहजीब को जीवन में उतारा। बताया कि अकबराबादी ने करीब दो लाख नज़्में लि...