नई दिल्ली, जून 1 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। कड़कड़डूमा अदालत ने दहेज हत्या मामले में पति समेत ससुराल पक्ष के अन्य लोगों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशांत चंगोत्रा की अदालत ने कहा कि मामले में गवाहों व साक्ष्यों की कमी के कारण संदेह का लाभ आरोपियों को दिया जाना चाहिए। अदालत ने मृतक के आरोपी पति आशु, जेठ संजय, देवर रिंकू, सास रानी और ननद बबीता को आईपीसी की धारा 498ए (पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा विवाहित महिला के खिलाफ क्रूरता), धारा 304 बी (दहेज हत्या) और धारा 34 (सामान्य इरादे) से आरोप मुक्त कर दिया। आरोपियों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनुराग सिंह ने अदालत को अवगत कराया कि अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि मृतक ने दहेज की मांग के कारण उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप...