नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के मामलों में पति के दूर के रिश्तेदारों को फंसाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498A के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। हाईकोर्ट ने हाल ही में देखा कि दहेज के मामलों में पति के दूर के रिश्तेदारों को भी फंसाने का चलन बढ़ रहा है, भले ही उनके खिलाफ कोई सबूत न हो। हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में याचिकाकर्ता दो महिलाओं के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द कर दिया। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस अमित महाजन ने कहा कि आईपीसी का सेक्शन 498A दहेज की मांग से जुड़े अपराधों को रोकने और शादीशुदा महिलाओं को उनके ससुराल में होने वाली क्रूरता से बचाने के लिए लाया गया था। जो पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा पत्नी के साथ क्रूरता को अपराध बनाता है। यह भी पढ़ें- हिंदू रीति-रिवाज नहीं, संत...
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