आगरा, अगस्त 29 -- दहेज उत्पीड़न, मारपीट और धमकी के मामले में वादी ने घटना का समर्थन नहीं किया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में पति व अन्य ससुरालीजनों को बरी करने के आदेश दिए। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता इस्लामुद्दीन खान आगाई ने तर्क प्रस्तुत किए। वादी ममता की शादी आरोपित हरिज्ञान के साथ 14 मार्च 2005 को हुई थी। आरोप है कि पति व अन्य ससुरालीजन उसको प्रताड़ित कर दहेज में मोटर साइकिल की मांग करते थे। मांग पूरी न होने पर आरोपियों ने उसके ऊपर तेजाब डालकर कुरूप भी कर दिया। 12 फरवरी 15 को ससुरालीजनों ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आरोपित हरिज्ञान, रोशन लाल, उर्मिला, कल्यान, जसोदा एवं गोकुल को बरी कर दिया।
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