बिजनौर, जुलाई 6 -- दहेज उत्पीड़न के मामले में अदालत ने 32 साल बाद पीड़िता के पति और पति के भाई को दो-दो साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सिविल जज जूनियर डिवीजन एकलव्य सरोज ने 32 साल बाद दहेज उत्पीड़न के मामले में फैसला सुना कर पीड़िता को न्याय दिलाया। न्यायालय ने महिला के पति शकील और ताहिर को दो-दो साल की जेल और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुकदमें की सुनवाई के दौरान ही सास सायरा की मृत्यु हो चुकी है। बताया गया कि मंडावर के शमीमा पुत्री जब्बार निवासी फ्रांस टोली का विवाह नांगलसोती निवासी शकील से हुआ था। शमीमा ने अपने पति शकील, उसके भाई ताहिर और सास सायरा के खिलाफ आठ अक्तूबर 1993 को दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया...