दरभंगा, अक्टूबर 6 -- जाले। हथिया नक्षत्र की बारिश को सोना बरसना भी कहा जाता है। लगभग 10 वर्षों के बाद हुई हथिया नक्षत्र की बारिश शबाब पर है। दो अक्तूबर से लगातार बारिश जारी है। आद्रा नक्षत्र में बारिश नहीं हुई। अन्य नक्षत्रों ने भी कमोबेश किसानों को धोखा ही दिया। थोड़ी-थोड़ी बारिश एवं निजी नलकूपों के सहारे प्रखंड के किसान लगभग 6500 एकड़ में धान की फसल को खड़ा करने में सक्षम हो सके। भीषण गर्मी और बारिश नहीं होने की वजह से जब पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया तो किसान माथे पर हाथ देकर अपनी किस्मत को कोसने लगे। बारिश नहीं होने से पेयजल का भी संकट गहरा गया। ऐसे में किसान धान की फसल को किस्मत के सहारे छोड़ पेयजल की किल्लत को सुलझाने में जुट गए। हथिया नक्षत्र से पूर्व कुछ कुछ बारिश हुई। इससे अगात प्रभेद के धान में जान आई और उसमें बालियां निकलने लगी। ...