लखनऊ, जुलाई 13 -- कालाजार, फाइलेरिया, बुखार के रोगियों को चिह्नित करने के लिए चल रहे दस्तक अभियान में टीबी के संभावित रोगियों की भी पहचान की जाएगी। अभियान 11 जुलाई से चल रहा है। 31 जुलाई तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित रोगियों की पहचान करेंगी। राज्य क्षय अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि 10 से 30 अप्रैल तक चले दस्तक अभियान में पूरे प्रदेश में 1.63 लाख टीबी के संभावित रोगी मिले थे। इनमें सबसे ज्यादा मथुरा में 61,674 रोगी थे जबकि सबसे कम अयोध्या में 2,976 रोगी थे। अभी चल रहे दस्तक अभियान में भी टीबी के संभावित रोगियों के चिह्नांकन के निर्देश दिए गए हैं। टीबी मुक्त पंचायतों पर खास ध्यान रखने के लिए कहा गया है। अति संवेदनशील गांव और ऐसी ग्राम पंचायतें, जो साल 2023-24 में टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं, में विशेष तौर प...