मैनपुरी, अगस्त 28 -- जैन समाज के दशलक्षण महापर्व के पहले दिन श्रद्धालुओं ने जैन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और उत्तम क्षमा धर्म की आराधना की। जबलपुर से आए जैन विद्वान पंडित अभिनय शास्त्री ने पहले दिन धर्म के प्रथम लक्षण उत्तम क्षमा पर विस्तृत प्रवचन दिए। कहा कि क्षमा केवल क्रोध का अभाव नहीं है, बल्कि यह आत्मा का स्वभाव है। जब हम धर्म के मार्ग पर चलते हैं, तो क्षमा को सिर्फ नकारात्मक रूप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे क्रोध नहीं करना तो कहा जाता है, लेकिन इसकी जगह क्षमा धारण करो का भाव रखना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धर्म केवल प्रतिबंधों का नाम नहीं है। धर्म हमें नकारात्मक प्रवृत्तियों से दूर रहने का मार्ग दिखाता है, लेकिन इसका असली उद्देश्य आत्मा को सकारात्मकता और शांति की ओर ले जाना है। धर्म का मार्...