सहारनपुर, सितम्बर 1 -- जनपद के सभी जैन मंदिरों में चल रहे दस दिवसीय दशलक्षण महाअनुष्ठान के पंचम दिवस पर सोमवार को "उत्तम सत्य धर्म" की भावपूर्ण पूजा-अर्चना भक्ति, उमंग और उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। जैन बाग स्थित अतिशयकारी मंदिर के पावन "वीरोदय तीर्थ मंडपम्" में विमर्श सागर महाराज ने सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए सत्य धर्म की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सत्य धर्म क्षमा, मृदुता, सरलता और संतोष रूपी धर्मरथ पर आरूढ़ होकर आता है। जिनके जीवन में क्रोध, मान, माया और लोभ हैं, वहाँ सत्य प्रकट नहीं हो सकता। सत्य धर्म का मूल वचन है, जो जीवन में सुख, शांति और पुण्य प्रदान करता है। सत्य से ही आत्मा का कल्याण संभव है, जबकि असत्य से अपयश, शोक और दुर्गति की प्राप्ति होती है। जैन समाज के अध्यक्ष राजेश कुमार जैन ने कहा कि मनुष्य ज...