बिजनौर, अगस्त 31 -- मौ. गुजरातियान स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में चल रहे पर्वाधिराज पर्यूषण दशलक्षण पर्व की तीसरे दिन पूजा की गई। उत्तम आर्जव धर्म जैन धर्म के दशलक्षण पर्व का तीसरा दिन है। जो विचारों, शब्दों और कार्यों में सरलता, ईमानदारी और कपट से मुक्ति का प्रतीक है। 'आर्जव' का अर्थ है 'सीधापन' या 'सरलता', और यह धर्म व्यक्ति को छल-कपट छोड़कर आंतरिक रूप से सरल और शुद्ध बनने की शिक्षा देता है, जिससे आत्मा मोक्ष के पथ पर अग्रसर हो सके। उत्तम आर्जव धर्म के मुख्य बिंदु: सरलता और सीधापन: यह धर्म हमें सभी के प्रति, चाहे वह कोई मित्र हो या शत्रु, विचारों, शब्दों और कार्यों में सीधा और सरल बने रहने की शिक्षा देता है। मौके पर प्रवीण जैन अभिषेक जैन, स्पर्श जैन, संजीव जैन, अमन, अरूण, नमन, ऋषभ जैन, मनोज जैन, संयम जैन, पूनम, चंचल,...