सुपौल, जून 15 -- सुपौल, एक संवाददाता सदर प्रखंड की दो नदियों पर आजादी के दशकों बाद पुल नहीं बन सका है। इस कारण यहां के ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पूर्वी व पश्चिम तटबंधों के बीच से गुजरने वाली दरभंगा-पूर्णिया मुख्य मार्ग के ठीक सटे गोपालपुरसिरे पंचायत आज भी टापू की तरह है। आलम यह है कि यहां के ग्रामीण सुखाड़ के समय भी चचरी के सहारे जीने को विवश हैं। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की विभीषिका झेलना तो इनकी नियति बन चुकी है। मई के आखिरी से आहट शुरू होकर नवंबर का महीना तक लोगों को पानी सूखने का इंतजार करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीण लक्ष्मी मुखिया, नारायण मुखिया, सियाराम सदा, दीनानाथ मश्रि व मोहन मश्रि समेत दर्जनों की मानें तो सैंकड़ों एकड़ कि फसल तो नष्ट हो ही जाती है। साथ ही आवासीय घर भी नदी में विलीन हो जाने के कारण लोगों का आशियाना तक उज...