समस्तीपुर, जुलाई 17 -- जिले में संचालित होने वाली सैकड़ों दवा की दुकानें ऐसी हैं जहां फार्मासिस्ट नहीं हैं। इसका सबसे अधिक खामियाजा रोगी व उनके परिजनों को उठाना पड़ता है। दवाओं के कंपोजिशन के बारे में खरीदारी करने वाले लोगों को जानकारी नहीं होती है। ऐसे में दुकानदार खरीदारों को वैसी दवाएं दे देते हैं जिसपर उनको अधिक कमीशन मिलता है। ऐसी स्थिति में कई बार रोगी दवाओं के साइड इफेक्ट की चपेट में आ जाते हैं। हिन्दुस्तान बोले अभियान के तहत लोगों ने बताया है कि कई बार गंभीर बीमारियों के होने पर भी लोग चिकित्सकीय सलाह लेने से परहेज करके दवा दुकानदारों के भरोसे दवा लेकर अपना इलाज करने लगते हैं। इससे तात्कालिक राहत तो मिल जाती है लेकिन अंदर-अंदर रोग और गंभीर हो जाता है। लोगों के स्वास्थ्य के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि लोग किसी भी प्रकार की द...
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