नई दिल्ली, मई 19 -- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राज्य के जातीय समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है। हालांकि, पीके कहते रहे हैं कि वह बिहार में जातिगत राजनीति के सिंडिकेट को तोड़ना चाहते हैं। वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि जब दिल्ली में जाति-पाति की राजनीति का बंधन टूट सकता है तो बिहार में क्यों नहीं? और इसी संभावना के मद्देनजर पीके पिछले दो साल से सर्वसमाज को लेकर चलते रहे हैं। हालांकि, पिछले उपचुनाव में मिली हार के बाद उनकी रणनीति में बदलाव होता दिखा है। अब पीके की राजनीति भी जातिगत समीकरण के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है। इसकी बानगी उनकी पार्टी जन सुराज में हुई हालिया नियुक्तियों से साफ झलकती है। आज (सोमवार, 19 मई को) ही पूर्णिया के पूर्व सांसद पप्पू सिंह को पीके ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने क...