देवरिया, मार्च 22 -- देवरिया, निज संवाददाता। कुछ सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रैक्टिस दलालों के भरोसे चल रही है। रोगियों को अच्छी सुविधा का लालच देकर बाहर देख लेने की बात करते हैं। इससे सरकार की आम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की मंशा फलीभूत होती नहीं दिख रही है। चिकित्सकों की इस मनमानी पर कालेज प्रशासन भी लगाम लगाने में विफल हो रहा है। मेडिकल कालेज में औसतन दो से ढाई हजार रोगी प्रतिदिन आते हैं। गर्मियों में रोगियों का आंकड़ा बढ़कर तीन हजार के पर हो जाता है। वहीं सर्दियों में यह आंकड़ा दो हजार के आसपास रहता है। इतनी बड़ी संख्या में रोगियों को देखने के लिए कालेज प्रशासन ने रोस्टर के अनुसार चिकित्सा शिक्षकों, सीनियर रेजिडेंट और इनकी सहायता के लिए जूनियर चिकित्सकों को तैनात कर रखा है। अपने विभागों की ओपीडी में यह चिकित्सक रोगियों का पर...