जमशेदपुर, अप्रैल 12 -- दलमा वन्यजीव अभयारण्य में बाघ की मौजूदगी की पुष्टि के बाद, वन विभाग पारंपरिक आदिवासी शिकार उत्सव सेंदरा को लेकर सतर्क है। विभाग ने सेंदरा वीरों को जंगल में बाघ की उपस्थिति की जानकारी दी है। हालांकि, सेंदरा वीरों ने स्पष्ट किया है कि बाघ का शिकार उनकी सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा नहीं है और यदि उन्हें बाघ दिखाई देता है तो वे उसका शिकार नहीं करेंगे।इस बीच दलमा के राजा ने सेंदरा पर्व की तारीख का ऐलान कर दिया है। यह पारंपरिक शिकार उत्सव 5 मई को आयोजित किया जाएगा। बैशाख के महीने में आदिवासी समुदाय जानवरों का शिकार करके यह पर्व मनाता है। बाघ की मौजूदगी के बावजूद सेंदरा की तारीख घोषित होने से वन विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। अधिकारी इस बात को लेकर सतर्क हैं कि कहीं शिकार के दौरान सेंदरा वीरों और बाघ का आमना-सामना न हो जाए...