रांची, मई 25 -- झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) का सुप्रीमो पप्पू लोहरा अपने ही गृह क्षेत्र सदर थाना के लुंडी गांव से कुछ ही दूरी पर पुलिस के हाथों मारा गया। पप्पू लोहरा क्षेत्र में आतंक का पर्याय माना जाता था। लोग बताते हैं कि बिना उसकी जानकारी के एक पत्ता भी नहीं हिलता था। लातेहार, लोहरदगा और पलामू में उसका इतना दबदबा था कि इलाके में बिना उसको लेवी दिए कोई काम नहीं कर सकता था। मालूम हो कि पप्पू लोहरा से माओवादी भी खौफ खाते थे। यही कारण था कि 15 सालों से वह जेजेएमपी का सुप्रीमो बनकर माओवादियों को अपने इलाके में चढ़ने नहीं दिया। पप्पू लोहार पहले माओवादी ही था। बाद में किसी कारण से माओवादी संगठन के साथ उसकी अनबन हो गई। जानकार बताते हैं कि उसने माओवादियों के साथ गद्दारी कर दी थी। इससे नाराज होकर नक्सलिय...
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