सीवान, अक्टूबर 30 -- सीवान। दारौंदा विधानसभा, जो सीवान लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है , यहां जातीय समीकरण, स्थानीय नेतृत्व और राज्यस्तरीय राजनीति यहां की प्रमुख धारा को निर्धारित करते हैं। हर साल जातीय समीकरण के कारण चुनावी राजनीति अक्सर बेहद रोचक हो जाती है। साल 2010 में विधानसभा अस्तित्व में आने के बाद से पांच चुनाव हो चुके हैं। इस बार हैट्रिक लगाने के उद्देश्य से एनडीए समर्थित भाजपा से कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह हैं तो महागठबंधन ने भाकपा माले की ओर से टक्कर देने के लिए अपने पुराने योद्धा अमरनाथ यादव को ही उतारा है। दोनों पुराने योद्धाओं पर ही गठबंधनों ने भरोसा जताया है। पहली बार इस सीट पर स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह ने 2019 के उपचुनाव में जीत हासिल की थी। लेकिन, 2020 में भाजपा ने इनको उतारा और पुन: जीत ...