लखीसराय, जून 25 -- लखीसराय/बड़हिया/सूर्यगढ़ा, हिन्दुस्तान टीम। 25 जून 1975 की रात को जब देश सो रहा था। तब लोकतंत्र की नींव हिला दी गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा घोषित आपातकाल ने नागरिक अधिकारों को छीन लिया। विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। प्रेस की आज़ादी पर ताले जड़ दिए गए। यह वह समय था जब विरोध करना देशद्रोह समझा जाता था। बावजूद लखीसराय, बड़हिया, सूर्यगढ़ा सहित अन्य क्षेत्रों कई ऐसे लोग थे, जो इस अंधकार में मशाल बनकर खड़े रहे। जिसमें रामानुग्रह सिंह, शिवदानी सिंह बच्चन और महेश प्रसाद सिंह ये तीन नाम आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। रामानुग्रह सिंह: संगठन के सूत्रधार और आंदोलन के सिपाही बड़हिया नगर परिषद के वार्ड संख्या 5 निवासी रामानुग्रह सिंह आपातकाल के दौर में छात्र युवा संघर्ष समिति के महामंत्री चुने गए। ये केवल एक...