रांची, मार्च 19 -- रांची, विशेष संवाददाता। केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड (सीयूजे) के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की ओर से आयोजित दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत बुधवार को हुई। इसका विषय है- भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित संवहनीय संयोजकता की परिकल्पना: क्षेत्रीय संगठन और विकास वाहक स्वरूप दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशिया की भूमिका। सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध की इस धरती ने न सिर्फ ज्ञान, बल्कि व्यापार और नैतिक मूल्यों को भी सुदूर प्रदेशों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि वे सभी मार्ग आज भी उपयोग में लाए जा रहे हैं, सिर्फ उन मार्गों के स्वरूप का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। कहा कि भारत समर्थ है दक्षिण और दक्षिण-पूर्व राष्ट्रों को संगठित करने के लिए। इसके बाद अशोक सज्जनह...