बगहा, अक्टूबर 29 -- चनपटिया। चनपटिया में कुछ व्रती दंडवत करते छठ घाटों पर पहुंच रहे थे। कोई मन्नतें पूरी होने तो कोई पूरी होने की आस लेकर दंडवत करते जा रहे थे। उनके पीछे-पीछे परिजन छठ का दउरा लेकर और गीत गाते चल रहे थे। दडंवत करते जा रहे व्रती को किसी तरह की असुविधा नहीं हो। इसे लेकर लोग स्वत: किनारे हट जा रहे थे। मान्यता है कि दंडवत (भुइपरी) करने वालों की मन्नत पूरी हो जाती है। दंडवत करने घाट तक जाने को काफी कठिन तप माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने वाले कार्तिक माह में छठ से एक माह पहले ब्रम्हाचर्य जीवन व्यतीत करते हैं। यह संत की तरह रहते हैं। इसके साथ ही अपने मन में इस बात को धारण करके भगवान शिव व छठी मईया से वंदना करते हैं। इसके बाद मन्नत पूरी होती है। तब घर से घाट तक जाने के लिए पूजन का शृंगार करके जमीन पर लेटकर दंडवत (भूईपरी) कि...