नई दिल्ली, अक्टूबर 12 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। कोविड नियमों की अवहेलना कर थाने में घुसकर महिला पुलिसकर्मी से मारपीट और वर्दी फाड़ने के मामले में द्वारका जिला अदालत ने तीन महिलाओं को दोषी ठहराया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सौरभ गोयल ने ईशा मल्याण, वैशाली और संतोष को आईपीसी की धारा 186 और 353 (लोक सेवक के कार्य में बाधा और हमला) के तहत दोषी माना, जबकि महिला की मर्यादा भंग करने के आरोप (धारा 509) से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि लोक सेवक पर हमला केवल व्यक्ति को नहीं, बल्कि कानून की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचाता है। मामला 26 अक्टूबर 2020 का है। पालम गांव थाने में तैनात महिला कांस्टेबल संजू कोविड दिशा-निर्देशों के तहत गेट पर तैनात थीं। शाम करीब 5:20 बजे तीन महिलाएं शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने में प्रवेश की जिद करने लगीं। नियमो...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.