देहरादून, अगस्त 25 -- थराली के आपदा से मिले जख्मों से उभरने में काफी वक्त लगेगा। लोगों को अपनी छत से लेकर हरेक सामान की व्यवस्था करनी है। वह कहां रहेंगे और कैसे फिर से घर तैयार होगा, आपदा प्रभावितों की इस चिंता के बीच उनके बच्चे एक और उलझन में उलझे हुए हैं। आपदा ने खुशियों के साथ उनके भविष्य के सपने भी छीन लिए हैं। मलबे के ढेर में घर के साथ-साथ उनका बस्ता, कॉपी-किताबें और स्कूल ड्रेस तक सब दब गया है। आपदा प्रभावित थराली, सारी, चैपड़ों के ऐसे 35 बच्चे राहत शिविरों में रह रहे हैं, जिनकी पढ़ाई भी मझधार में फंसी हुई है। पेश है क्रांति भट्ट की रिपोर्ट- कृष्णा को राहत शिविर में किताबें आ रही याद कक्षा सात में पढ़ने वाली कृष्णा पंत कुलसारी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक में बनाए गए राहत शिविर में रह रही है। वह शुक्रवार रात साढ़े 12 बजे आई आपदा को याद ...
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