पटना, सितम्बर 5 -- भगवान श्रीकृष्ण सत्यव्रत, सत्यसंकल्प और त्रिकाल सत्य हैं। सत्य ही उनकी प्राप्ति का साधन है। वे सर्वशक्तिमान, परिपूर्णतम ईश्वर और अविनाशी हैं। समस्त अवतार उनसे निकलती और उन्हीं में विलीन होती है। वे आदिपुरुष सभी कारणों के कारण है। यह प्रवचन शुक्रवार को मीठापुर स्थित श्री गौड़ीय मठ मंदिर में चल रहे साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के पांचवें दिन कथावाचक ऋषिकेश महाराज ने दशम स्कंध के वाचन के दौरान कही। उन्होंने बड़ी संख्या में मौजूद श्रोताओं से कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति समस्त भौतिक कामनाओं और त्रिताप रूपी दुख का नाश करने वाली है। पांच प्रमुख रस-शांत, दास्य, सख्य, वात्सल्य और मधुर से युक्त उनका स्वरूप भक्तों को परम सुख और शांति प्रदान करता है। कथा वाचक महाराज ने कथा में देवकी गर्भ स्तुति, नन्दोत्सव, गोकुल गमन, पूतना उ...