नई दिल्ली, अक्टूबर 17 -- त्योहारों का मौसम यानी खाने और खिलाने का मौका। कई बार आप स्वाद में ज्यादा खा लेती हैं, तो कई बार संकोच में मना नहीं कर पातीं। ऐसे में सेहत की अनदेखी आम बात है। पर इसका असर बाद में नजर आता है। ब्लोटिंग, एसिडिटी, कब्ज जैसी परेशानियों के साथ वजन बढ़ने का डर अलग। यहां से शुरू होता है अपराध बोध, जिससे निपटने के लिए आप डाइटिंग की ओर रुख करती हैं। इस साल आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं। जरूरत है, अपनी दिनचर्या को दोबारा ठीक करनेे की।क्रैश डाइट नहीं है उपाय क्रैश डाइट, मतलब वजन कम करने के लिए सख्ती के साथ कम कैलोरी वाला खाना खाना या सिर्फ जूस पीकर रहना। पर, क्या यह वजन कम करने का सटीक फाॅर्मूला माना जा सकता है? आहार सलाहकार डॉ़ भारती दीक्षित कहती हैं कि क्रैश डाइट के बदले में आपको मिलता है, खराब मूड और ऊर्जा में कमी। क्रैश डा...