मधुबनी, मार्च 28 -- मधुबनी । हलवाई बढ़ती लागत, प्रतिस्पर्धा और तकनीकी चुनौतियों के बीच अपनी आजीविका बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पारंपरिक मिठाई और भोजन व्यवसाय से जुड़े ये कारीगर कच्चे माल की बढ़ती कीमतों, कुशल श्रमिकों की कमी, और बड़े ब्रांड्स की प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। दूध, घी, चीनी जैसी आवश्यक सामग्री की कीमतों में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि ने उत्पादन लागत बढ़ा दी है, इससे मुनाफा कम हो गया है। इसके अलावा, स्थानीय हलवाइयों के लिए फूड सेफ्टी नियमों का पालन करना और आधुनिक तकनीक अपनाना मुश्किल होता जा रहा है। मौसमी निर्भरता के कारण बिक्री में उतार-चढ़ाव और वित्तीय संसाधनों की कमी ने इनकी समस्याओं को और जटिल बना दिया है। इन चुनौतियों से उबरने के लिए हलवाइयों को सरकारी सहायता, आधुनिक तकनीक और डिजिटल मार्केटिंग जैसे नवाचारों की आवश्यकता ...