अयोध्या, नवम्बर 8 -- त्याग मूर्ति भरत अनुज शत्रुघ्न संग भगवान राम को मनाने चित्रकूट रवाना अयोध्या, संवाददाता। रामायण मानवीय मूल्यों का संदेश देती है। समाज जीवन में मूल्यों की स्थापना के लिए रामकथा के गायन की परम्परा रही है। केंद्र व प्रदेश सरकारों ने भी इस महत्व को स्वीकार किया है। इसी धारणा को लेकर 53 साल पहले स्वामी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी ने भरत यात्रा का शुभारम्भ किया था। इसका निर्वहन मणिराम छावनी के पीठाधीश्वर महंत नृत्यगोपालदास व उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास आज भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में मार्गशीर्ष कृष्ण द्वितीया के पर्व पर शुक्रवार को एक बार फिर अयोध्या से भरत यात्रा चित्रकूट के लिए रवाना हुई। लंबी बीमारी से जूझ रहे श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने अपने आरक्षित कक्ष में भरत-शत्रुघ्न के स्वरुपों क...
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