नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- तेज रफ्तार ट्रक चालक की लापरवाही ने 25 वर्षीय युवक की जिंदगी पूरी तरह बदल दी। मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा कर अच्छी नौकरी पाने का सपना देख रहे युवक के दोनों पैर दुर्घटना में कट गए। हादसे के बाद आठ साल तक न्याय के लिए भटकना पड़ा और अंततः अदालत के आदेश पर ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज हो पाया। साकेत स्थित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधीश सुदेश कुमार की अदालत ने युवक की स्थिति को देखते हुए उसे ब्याज सहित 1.63 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। अदालत ने माना कि भविष्य में उसे हर 6 से 8 साल में कृत्रिम पैर बदलने होंगे। इस लिहाज से मुआवजा उचित है। अदालत में युवक के वकील उपेंद्र सिंह ने दलील दी कि हादसे ने उसका करियर खत्म कर दिया। माता-पिता का सहारा बनने वाला बेटा अब उनकी मदद पर निर्भर है।कॉलेज प्लेसमेंट के समय हुआ हादसा यह ...